Tuesday 10 November 2015

दीये से मुलाकात की एक रात




दोस्तों आप अभी को दीपावली की हार्दिक शुभकामना !
दोस्तो हमारे हिन्दू समाज में माँ लक्ष्मी जी को धन और वैभव की देवी खा गया है। धन एक महत्पूर्ण साधन है,जो हमे जेवण के संरक्षक और प्रगति के लिए प्रदान किया गया है। यह सिर्फ पैसा होने से कही ज्यादा है। इसका मतलब है की ज्ञान कौशल और प्रतिभा की अधिकता।लक्ष्मी वह ऊर्जा है ,जो की व्यक्ति के सम्पूर्ण आध्यात्मिक और भौतिक कुशल-मंगल की घोतक है। लक्ष्मी लक्ष्य से जुडी है। यह ऐसी शक्ति है,जो की आपको अपने स्रोत की ओर निर्देशित करती है,जो आपके जीवन का लक्ष्य है। इस दिव्य ऊर्जा के आठ स्वरूप है,जो हमें प्रदान किये जा सकते है। आदि लक्ष्मी अपने स्रोत की स्मृति है। जब हम भूल जाते है की हम सम्पूर्ण सृष्टि का हिस्सा है,तब हम स्वयं को छोटा और असुरक्षित महसूस करते हैं। आदि लक्ष्मी का स्वरूप हमें हमारे स्रोत से जोड़ता है। इससे मन को शक्ति और शांति मिलती है। धन-लक्ष्मी भौतिक धनं का स्वरूप है और विद्या लक्ष्मी ज्ञान कौशल प्रतिभा का स्वरूप है धन्य लक्ष्मी के स्वरूप में भोजन के रूप में धन प्रकट होता है। मित्रो एक कहावत है  (जैसा अन्न वैसा होगा मन )- इसका अर्थ है  कि हम जो खाना खाते है उसका सीधा असर हमारे मन पर पड़ता है। सही मात्र में सही प्रकार से भोजन जब सही समय और स्थान पर खाया जाता है,तो हमारे शरीर और मन पर इसका सकारात्मक प्रभाव पढ़ता है। संतान-लक्ष्मी के स्वरूप में बच्चो और रचनात्मक के रूप में धन प्रकट होता है। रचनात्मक से परिपूर्ण,प्रतिभाशाली और कला में निपुण लोग लक्ष्मी के इस स्वरूप से प्रदान किये गए है। धैर्य लक्ष्मी के सहस के रूप में धन प्रकट होता है और विजयी लक्ष्मी के स्वरूप में जीत के रूप में प्रकट होता है। भाग्यलक्ष्मी अच्छा भाग्य और वैभव का पहलू है। व्यक्ति के जीवन के विभिन्न चरणो में इस ऊर्जा के विभन्न स्वरूप प्रकट होते है। पुराणो का खाना है की देवता और असुरो के द्वारा समुद्र मंथन के दौरान अमृत के साथ लक्ष्मी पानी में से उभरीं। जब आपके पास लक्ष्मी है धन का सही प्रकार है तो  जेवण अमृत से भरा है। पानी प्यार का प्रतीक है। पानी से लेक्सी का उभारना बताता है कि धन का सही प्रकार प्यार से उभरता है। दिव्य प्रेम उच्चतम धन है और हमारे जीवन में अमृत की तरह है। लक्ष्मी पानी में तैरते कमल पर  आसीन दिखाई देती है। कमल वैराग्य का प्रतीक है। कमल के पत्ते पर पानी की एक बूंद सतह पर स्वतंत्र रूप से बिना किसी चिपचिपाहट के चलती है। इसी तरह जब हमारे भीतर धन के लिए राग नहीं है और उसके प्रति मोह नहीं है,तो ऐसा धन मिलता है जो हमेशा बना रहता है और एक फूल जैसा हल्का होता है। इस तरह का धन जीवन का समर्थन करता है,प्रचुरता और समृद्धि लाता है। धन दोस्तों पानी की तरह प्रवाहित होना चाहिए। रुकने पर पानी की शुद्धता  खो जाती है। इसलिए मित्रो धन की उपयोगिता तभी है जब इसे आगे प्रवाहित किया जाता है।

लक्ष्मी स्वर्ण आभूषणो के साथ सजी हुयी है और इसके दोनो में हाथो  में कमल के फूल है। यह एक जीवन के एक उज्जवल दृष्टिकोण और इसके उत्सव के पहलू का प्रतिनिधित्व करता है,एक ऐसा संयोजन,जिसमें मोह के बिना संपन्नता हैं। इसके आलावा जब धन मानवता की भलाई के लिए प्रयोग किया जाता है,तब आप दलदल में निचे नहीं धंसते हैं। लक्ष्मी के दो हाथ मुद्राएं बनाये हैं,जो आशीर्वाद बरसाने का प्रतीक है और यह दर्शाते है कि हमें धैर्य रखना चाहिए। 

      दीपावली प्रकाश का त्यौहार है। यह धन के सभी स्वरूपों का त्यौहार है। यह धन के सभी स्वरूपों का सम्मान करने के लिए और आध्यात्मिक ज्ञान के प्रकाश से अपने जीवन को उजागर करने का समय हैं,उस ऊर्जा से जो कि महालक्ष्मी है। 

      महा  का अर्थ है महान। महालक्ष्मी का अर्थ है एक महान धन ,वह धन जिसमे सभी आठ स्वरूप हैं,वह आध्यात्मिक धन,जो हमारे सभी तीनों आदिभौतिक,आदिवैदिक और आध्यात्मिक स्ट्रॉ की देखभाल करता हैं,तो इस अवसर पर हम हर किसी के लिए स्वस्थ ,ख़ुशी,और समिर्धि की कामना करते हैं। 
                 लेखिका   भानुमति नरसिम्हन जी 
(आर्ट और लिविंग फाउंडेशन के 
महिला एवं बाल कल्याण 
कार्यक्रमों की निदेशिका हैं)


प्रिय मित्रो एक दीया  किसी की जिंदगी  बदल सकता है। दीया  हमे अंधकार से लड़ना सिखाता है। जिंदगी के अंधकार को दूर करने के लिए दीये  से मिलना जरुरी है और यही मुलाकात सुख-समृद्धि का रास्ता तय करती है। दो लाइन लिख कर मैं दोस्तों अपने पोस्ट को यही पर विराम देता हूँ -
   '' हमारी दुआ आपके लिए 
    धन  बरसे सदा के लिए ,
   हो रोशन दुनिया आपकी 
     दिए जले हमेशा के'' 
तो दोस्तों  कैसी लगी आपको हमारी ये पोस्ट जरूर बताये कमेंट  करें  और किसी भी विषय में आर्टिकल के लिए हमें लिखे हम उन पर भी आर्टिकल लिखेंगे। 

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